Breaking

शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

पृथ्वीराज चौहान तथा कवि चंदबरदाई का प्रतिशोध-

पृथ्वीराज चौहान तथा कवि चंदबरदाई का प्रतिशोध-
prithviraj chauhan and poet chandbordai retribution

मित्रों आपने इतिहास की यह घटना तो सुनी ही होगी कि मोहम्मद गौरी पृथ्वीराज चौहान से 17 बार हारता है, लेकिन पृथ्वीराज चौहान मोहम्मद गौरी को बार-बार क्षमा कर देते हैं, दुर्भाग्यवश 18वीं  बार पृथ्वीराज चौहान की पराजय होती है तथा मोहम्मद गौरी विजई होता हैI मोहम्मद गोरी पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लेता है, उनकी आंखें फोड़ देता है तथा उनके हाथ पैर तोड़ देता है और बंदी ग्रह में दाल देता हैI

             इस कारण से  पृथ्वीराज चौहान के मित्र तथा दरबारी कवि चंदबरदाई पृथ्वी राज चौहान के लिए हमेशा चिंतित रहते थेI उनके मन में बदले की भावना जल रही थीI इसलिए उनके प्रिय कवि चंद्रबरदाई एक योजना बनाते हैंI चंदबरदाई गजनी पहुंचे, मौका पाकर मोहम्मद गौरी से भी मिले और पृथ्वीराज की वीरता का बखान करते करते उन्होंने मोहम्मदपुर गोरी को यह भी बताया कि पृथ्वीराज चौहान शब्द सुनकर बाण मार सकते हैंI यह बात जानकर मोहम्मद गौरी के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता उसने चंद्रवरदाई से पृथ्वीराज को इसके लिए तैयार करने को कहाI चंदबरदाई पृथ्वीराज से मिले और उन्होंने अपनी योजना बताईI
        पृथ्वीराज चौहान को बंदी ग्रह से मुक्त करके दरबार में लाया गयाI सिंहासन पर मोहम्मद गोरी बैठा था मोहम्मद गौरी के सिंहासन के पास लोहे के तवे लगे थे, उन पर चोट करने से ध्वनि उत्पन्न होती थीI पृथ्वीराज चौहान को उन्हीं तवों पर निशाना लगाना था ज्योंही सैनिक तवों पर चोट करते पृथ्वीराज चौहान बाणों से तवों को भेदते जातेI मोहम्मद गोरी यह देखकर अत्यधिक आश्चर्यचकित हो गयाI वह प्रसन्नता से चिल्ला पड़ा शाबाश चौहान शाबाश पृथ्वीराज को चंदबरदाई ने पहले से ही यह संकेत किया था कि-
चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण! ता ऊपर सुल्तान है! मत चुके चौहान!
Read it इन्हें भी पढ़ें-
शाबाश शब्द सुनते ही पृथ्वीराज चौहान ने एक और बाण बाहर निकाला और मोहम्मद गोरी के छाती में भेद दिया, घायल होकर मोहम्मद गौरी पृथ्वी पर गिर पड़ा, पूरे दरबार में खलबली मच गईI मोहम्मद गौरी के प्राण पखेरु उड़ गएI इस प्रकार उनके कवि चंदबरदाई तथा पृथ्वीराज चौहान का उद्देश्य पूरा हो गयाI सम्राट पृथ्वीराज के चेहरे पर फिर से मुस्कुराहट खेल रही थी I इस प्रकार बुद्धि तथा वीरता ने दुश्मन के घर में भी अपना प्रतिशोध ले लियाI
       मित्रों अंत में मैं आपसे यह सवाल पूंछना चाहता हूँ की फिर गोरी की सेना ने क्या किया I क्या गोरी की सेना ने चन्द्रबरदाई और पृथ्वीराज चौहान को मार दिया इसके बाद क्या हुआ मुझे comment करके बताइएI हम आपके आभारी रहेंगे I 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें