हार्दिक पांडया के पिता का सूरत में कारों से जुड़ा छोटा मोटा बिजनेस था, वह भी अच्छे ढंग से नहीं चल पा रहा थाI इनके बड़े भाई कुणाल का बचपन में क्रिकेट का बहुत ज्यादा शौक थाI अतः इनके बड़े भाई को क्रिकेट की अच्छी कोचिंग मिल सके इसलिए इनका पूरा परिवार सूरत से बड़ोदरा आ गयाI वडोदरा में एक पूर्व क्रिकेटर की अकादमी में इन दोनों भाइयों ने प्रवेश ले लिया, उस वक्त इनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल अच्छी नहीं थी लेकिन इनके खेल से प्रभावित होकर इनके सर ने इनकी 3 साल की फीस माफ कर दीI हार्दिक पांडया जी ने स्वयं स्वीकार किया है कि मैं पढ़ाई में फिसड्डी था अतः पूरा ध्यान क्रिकेट पर लगाने के लिए नौवीं कक्षा के बाद इन्होंने पढ़ाई छोड़ दीI
संघर्ष भरे दिन-
बड़ौदा आने के बाद इनके पिता की आमदनी पहले से आधी हो गईI परिवार का खर्चा बड़ी मुश्किल से चल पा रहा था इसी बीच इनके पिता को दिल का दौरा पड़ने से उनको काफी दिनों तक बेड रेस्ट लेना पड़ाI इससे उनके घर की आर्थिक स्थिति और बिगड़ गई उन्होंने बताया है कि वह अपने भाई के साथ सिर्फ नूडल्स खाकर पूरा दिन मैदान पर कैसे पसीना बहाते थे पहले वह पार्ट टाइम लेग स्पिन गेंदबाजी करते थे, पर प्रभावशाली गेंदबाजी ना कर पाने के कारण उन्होंने पूरा ध्यान बल्लेबाजी पर दिया, रणजी खेलने के मौके पर उन्होंने दोबारा तेज गेंदबाजी शुरू कर दीI
हार्दिक पंड्या के लिए 2013 का अहम् दिन-
2013 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का ओपनिंग मैच उनकी जिंदगी का एक अहम मैच साबित हुआ जब इनकी टीम वडोदरा मात्र 20 रन पर 2 विकेट गंवा चुकी थी, तभी उन्होंने टीम की जिम्मेदारी संभाली और मात्र 52 गेंदों में नॉट आउट 82 रन ठोंककर हार के कगार पर खड़ी अपनी टीम को जीता दियाI इनके इस प्रदर्शन से मुंबई इंडियंस के तत्कालीन कोच बहुत प्रभावित हुएI वह इतना प्रभावित हुए कि इनका अगला मैच देखने के लिए आए जहां पर उन्होंने और भी अच्छा प्रदर्शन कियाI यहीं से इन्हें IPL में जाने का मौका मिल गया, पहले यह IPL में घायल खिलाड़ियों के backup के तौर पर अभ्यास कैंप में रखा जाता था, बाद में मुंबई इंडियंस ने इनको अपनी टीम में शामिल कियाI इस प्रकार यही से वह सफलता की सीढ़िया चढ़ते चले गएI आज वह भारतीय टीम में अच्छी position पर हैंI
Read more article link-
कलियुग में दिखा रामायण का जटायु पक्षी
Read more article link-
कलियुग में दिखा रामायण का जटायु पक्षी
संबंधियों पर भरोसा-
वह बताते हैं कि वह अपने सगे-संबंधियों पर बहुत भरोसा करते हैं उनका बैंक खाता उनके बड़े भाई भी देखते हैं उन्हें यह तक पता नहीं है कि मेरे खाते में कितने पैसे हैं वह सिर्फ अपनी जिंदगी मौत से जीते हैं और वह बताते हैं कि विराट, माही, राहुल, तथा शिखर धवन के साथ मेरे रिश्ते भाई जैसे हैंI
WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें