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रविवार, 31 मार्च 2024

नमामी शमीशान निर्वाणरूपं शिव आराधना

 शिवजी- शिवजी त्रिदेवों में से एक देव हैं I हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता हैं I इनके अनेकों नाम हैं I इनको भोलेनाथ, शंकर, महेश, रूद्र, नीलकंठ, आशुतोष आदि अनेकों नाम से जाना जाता है I शिवजी हिंदूधर्म के ऐसे देवता हैं जो थोड़ी सी सेवा, आराधना से प्रसन्न हो जाते हैं I इसीलिए इन्हें आशुतोष भी कहा जाता है I इनकी पूजा शिवलिंग और मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है I हिन्दू धर्म में इनका प्रमुख दिन सोमवार है I इनकी पत्नी पार्वती तथा पुत्र गणेश और कार्तिकेय हैं I हम यहाँ पर शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तुलसीदास द्वारा रचित रुद्रास्टकं प्रस्तुत कर रहे हैं I शिव रुद्रास्टकं का नियमित सिर्फ दो मिनट का जप मन को शांति देता है और शिवजी प्रसन्न होकर हमारी समस्त मनोकामनाएं पूरी करते हैं I

Namami shamishan nirvan rupam
नमामी शमीशान निर्वाणरूपं शिव आराधना-

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम I

निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेअहम II
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा घ्य़ान गोतीतमीशं गिरीशम I
करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोअहम II

तुश्हाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम I

स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा II
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम I
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि II

प्रचण्डं प्रकृश्ह्टं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम I

त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं भजे.अहं भवानीपतिं भावगम्यम II
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी I
चिदानन्द संदोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी II

न यावत उमानाथ पादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम I

न तावत सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम II
न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतो.अहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम I
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो II

रुद्राश्ह्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोश्हये I ये पठन्ति नरा भक्त्या तेश्हां शम्भुः प्रसीदति II

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