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शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

shivji ki aarti

शिवजी- शिवजी त्रिदेवों में से एक देव हैं I हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता हैं I इनके अनेकों नाम हैं I इनको भोलेनाथ, शंकर, महेश, रूद्र, नीलकंठ, आशुतोष आदि अनेकों नाम से जाना जाता है I शिवजी हिंदूधर्म के ऐसे देवता हैं जो थोड़ी सी सेवा, आराधना से प्रसन्न हो जाते हैं I इसीलिए इन्हें आशुतोष भी कहा जाता है I इनकी पूजा शिवलिंग और मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है I हिन्दू धर्म में इनका प्रमुख दिन सोमवार है I इनकी पत्नी पार्वती तथा पुत्र गणेश और कार्तिकेय हैं I हम यहाँ पर शिवजी को प्रसन्न करने के लिए शिवजी की आरती प्रस्तुत कर रहे हैं I शिवजी की आरती जो नित्य पढता तथा सुनता है और भगवान शंकर की सच्चे मन से आराधना करता उसके सारे कष्ट दूर होते हैं, उसकी सारी मनोकामनाए पूर्ण होती हैं I बोलो शंकर भगवान की जय !
shivji ki aarti
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शिवजी की आरती-
ओम जय शिव ओंकारा जय शिव ओंकारा I ब्रम्हा विष्णु सदाशिव-2 अर्धांगी धारा II
ओम जय शिव ओंकारा II
एकानन चतुरानन पंचानन राजे स्वामी पंचानन राजे I हंसानन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे II
ओम जय शिव ओंकारा II
दो भुज चार चतुर्भुज दश भुज अति सोहे स्वामी दश भुज अति सोहे I तीनों रूप निरखता-2 त्रिभुवन जन मोहे II
ओम जय शिव ओंकारा II
अक्षमाला वनमाला मुंडमाला धारी स्वामी मुंडमाला धारी I चंदनमृगमद सोहे-2 भोले शुभकारी II ओम जय शिव ओंकारा II
स्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे स्वामी बाघंबर अंगे I सनकादिक ब्रह्मादिक-2 भुतादिक संगे II
ओम जय शिव ओंकारा II
करमेश्वेत कमंडल चक्र त्रिशूल धरता स्वामी चक्र त्रिशूल धरता I जगकर्ता दुखहर्ता जगपालनकर्ता II
ओम जय शिव ओंकारा II
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका स्वामी जानत अविवेका I प्रणवाक्षर के मध्य ये तीनों एका II
ओम जय शिव ओंकारा II
त्रिगुण स्वामी जी की आरती जो कोई नर गावे स्वामी जो कोई नर गावे I कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे II
ओम जय शिव ओंकारा ! ओम जय शिव ओंकारा !
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